19 अग॰ 2018

Bhagwaan mujhe dukh kyu dete he. भगवान मुझे ही दुःख क्यों देते है?

Bhagwaan mujhe dukh kyu dete he | भगवान मुझे ही दुःख क्यों देते है? 

😣😣क्या में ही मिला भगवान को !जो पूरी दुनिया को छोड़कर मुझे ही दुख देता है!मैंने कौन सा बड़ा पाप कर दिया जो भगवान इतना दुख देरहा है! हमारे मन मे यही प्रश्न बार बार आता है कि भगवान मुझे ही सबसे ज्यादा दुख क्यों  दे राहा है।
Bhagwaan mujhe dukh kyu dete he | भगवान मुझे ही दुःख क्यों देते है?


ऐसे ही बहुत सारे सवाल जब हमारे दिमाग मे आता है ,तब हम एकहि बात सोच ते है की ये दुनिया अच्छी नही है,ये दुनिया मेरे लिए नही बनि है सब स्वार्थी लोग भरे पड़े है। अब मुझे जीने की इच्छा नही है।


क्या भगवान का यही न्याय है? क्या इसी प्रकार से लोगों का इंसाफ करते है भगवान?

Bhagwaan aapko dukh kyu dete he | भगवान आपको दुःख क्यों देते है?

किसी भी प्रश्न का हल हमे तब तक नही मिलता जब तक हम चिन्ता करते है,दुखी होते है, दूसरों को कोसते है  तब तक हमे किसी भी प्रश्नों का उत्तर नही मिल सकता।अगर हमें किसी प्रश्न का उत्तर चाहिये तो सबसे पहले अपने आप को शांत करना होगा अपने दिमाग से सारी नकारात्मक सोच को बाहर निकलना होगा तब हमें सारी बाते समज में आएंगी।

रही बात भगवान के दुख देने की! तो इस प्रश्न का उत्तर कितना सरल है। जब हम सबसे ज्यादा खुश हुवा करते थे,जब हमारे जीवन में किसी चीज की कमी नही रहती है, हम औरो से ज्यादा सुखी रहते थे तब क्या आप ने किसी और को बुलाकर अपना सुख बाटा? 

तब क्या हमने किसी और को खुशी और सुख देने का प्रयास किया? नही हमने ऐसा नही किया जब हम सबसे ज्यादा सुखी थे तब हमने किसी के साथ अपनी खुशया नहीं बाटी। उस समय हमने भगवान को भी याद नही किया।

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जब बारी दुख की आई तब हमने भगवान को याद किया उनसे शिकायत की! जब हमने ही सब कुछ किया है सुख भी हमने ही भोगा है सारी खुशियां भी हमने ही भोगा है तोआपका दुःख भोगने कोई दूसरा व्यक्ति कैसे आ सकता है !दुख भी आपको ही भोगना पड़ेगा न😁😁😁😁

इंन्सान का स्वभाव ही कुछ ऐसा है कि सुख में किसी को याद नही करता ! और दुख में सबसे ज्यादा भगवान को याद करता है । हम चाहे जितने भी बड़े क्यों न बन जाये इंसान को अपना वास्तविक  स्वभाव नही भूल  चाहिये जो भगवान ने हर इंसान को दिया है। जब तक हमे दुःख का पता नही चलेगा तबतक हमे सुख का अनुभव नही हो सकता हम जान ही नही सकते सुख कैसा होता है।

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