13 नव॰ 2018

gan dosh vichar before marriage | शादी से पहले करे गण दोष विचार

शादी से पहले गण दोष विचार अवश्य करे |Must consider gan dosh before marriage

शादी करने से पहले गण दोष का विचार(gan dosh vichar before marriage) जरुर करना चाहिये गण दोष का सही मिलान ही पति पत्नी के बीच सही ताल मेल बनाता है पति पत्नी में अधिक झगडे का  होना मुख्य रूप से गण दोष ही जिम्मेदार होता हैं


शादी दो शरीरों का ही नहीं अपितु दो आत्माओं का मिलन है ऐसे में हमारा प्रयास रहता है कि हमारा वैवाहिक जीवन सुख पूर्वक बीते। 

जीवन की हर परिस्थितियों में एक दूसरे को सहारा देते हुए आगे बढ़े इसके लिए हम सिर्फ कुंडली मिलान ही नहीं करते हैं बल्कि खुद भी पूरा प्रयास करते हैं

हमारा वैवाहिक जीवन सुख से बीते इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम अष्टकूट मिलान के अंतर्गत गण दोष के विषय में बात करेंगे कि कैसे गण दोष हमारे वैवाहिक जीवन में प्रभाव डालता है।

Shadi se pahale gan dosh vichar | शादी से पहले गण दोष विचार 
शादी से पहले /before marriage

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  Kya hai gan dosh | क्या है गण दोष?

कुंडली मिलान करते समय गण दोष को विशेष रुप से ध्यान दिया जाता है क्योंकि वर और वधु के बीच में आपस में मित्रता होना परमआवश्यक है

 यदि वर और वधू के बीच में  मित्रता नहीं होगी तो उनका गृहस्थ जीवन कभी खुशी से नहीं चल पाएगा गण दोष से प्रवृत्ति का पता चलता है

अपने स्वभाव का पता चलता हे जैसे जो व्यक्ति जिस प्रवृत्ति का होता है जिस स्वभाव का होता हे उसी मे ही उसका  मन लगता है।

मान लीजिए कोई व्यक्ति सीधा-साधा है अच्छे स्वभाव वाला है तो उसको उसी प्रकार के लोग ही अच्छे लगेंगे सीधे-साधे लोगों के बीच रहना उसको पसंद आता।

इसके विपरीत यदि किसी का विवाह देव गण और  राक्षस घर में होता है तो उन दोनों का वैवाहिक जीवन कभी सुख से नहीं बीतेगा हमेशा झगड़े होते रहेंगे।

हमारे धर्म ग्रंथ में यह लिखा है यदि कोई जातक मनुष्य गण का है तो उसको मनुष्य गण की कन्या से ही शादी करनी होगी।

यदि कोई देवगण का है तो उसे देवगण की कन्या से ही विवाह करनी होगी और यदि कोई राक्षस गण का है तो उसे राक्षस गण मे  ही शादी करनी होगी 

तभी जाकर पति और पत्नी के बीच में लड़ाई झगड़े नहीं होंगे उनका वैवाहिक जीवन खुशी से चलता रहेगा । इसीलिए  शादी करने से पहले(shadi krne se pahle) गण का  ध्यान देना आवश्यक  है।

gan kitne prakar ke hote hain | गण कितने प्रकार के होते हैं? 


गण तीन प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार है- देवगण, मनुष्य गण, और राक्षस गण
गण दोष का विभाजन पूर्ण रुप से 27 नक्षत्रों पर आधारित है जो तीन भागों में विभाजित है। अगर 27 नक्षत्रों को 3भागों में बाटा जाए तो9 नक्षत्र का एक गण होता है।

और भी बातें हे जो हमें शादी करने से पहले जाननी चाहिए
There are more things we should know before getting married

शादी करने से पहेले सिर्फ गण दोष को ही देखा नहीं जाता अपितु कोई कुंडली के विशेस जानकार से कुंडली का मिलान कराना चाहिए।

जिसमे अष्ट कूट मिलान मंगली दोष,ग्रह मैत्री ,षडास्टक आदि विचार किया जाता हे ,तब जाकर  वर और वधु का विवाह होगा या नहीं इस विषय पर निर्णय होता।

इसलिए शादी करनेसे पहेले एक बार अच्छे ज्योतिषी से सलाह जरुर  लेनी चाहिए ।
आप लोगो को यह लेख केसा लगा हमें जरुर बताना और यदि आप लोगो  के पास कोई भी सवाल या सुझाब हो तो आप हमसे संपर्क कर सकते हे।
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